गैरीबाल्डी के बारे में संक्षिप्त विवरण
गैरीबाल्डी के बारे में संक्षिप्त विवरण
जन्म : 04 जुलाई 1807 (फ़्रांस)
मृत्यु : 02 जून 1882 (इटली)
पत्नी : फ्रांसिस्का आरमोसिनों
गैरीबाल्डी पेशे से एक नाविक था और मेजिनी के विचारों का समर्थक था परन्तु बाद में कावूर के प्रभाव में आकर सवैधानिक राजतंत्र का पक्षधर बन गया। गैरीबाल्डी ने अपनी कर्मचारियों तथा सेवकों की सशस्त्र सेना बनायीं और गौरीबाल्डी सशस्त्र क्रांति के द्वारा दक्षिणी इटली के रियासतों के एकीकरण तथा गणतंत्र की स्थापना करने का प्रयास कर रहा था। उसने अपने सैनिकों को लेकर इटली के प्रांत सिसली तथा नेपल्स पर आक्रमण किये। इन रियासतों की अधिकांश जनता बूर्वो राजवंश के निरकुंश शासन से तंग होकर गैरीबाल्डी की समर्थक बन गयी। गैरीबाल्डी ने यहाँ गणतंत्र की स्थापना की तथा विक्टर इमैनुएल के प्रतिनिधि के रूप में वहाँ की सत्ता संभाली।
मेजिनी के बारे में संक्षिप्त विवरण
जुलाई 1830 ई० की क्रांति (1830 ki kranti)
इटली के एकीकरण में मेजिनी ,काउंट कावूर और गैरीबाल्डी के योगदानों को बतावें
यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन का संक्षिप्त विवरण दें। Greek independence movement
दक्षिणी इटली के जीते गए क्षेत्र को बिना किसी संधि के गैरीबाल्डी ने विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया।
गैरीबाल्डी को दक्षिणी क्षेत्र में शासक बनने का प्रस्ताव विक्टर इमैनुएल द्वारा दिया भी गया परन्तु उसने इसे अस्वीकार कर दिया। और वह अपनी सारी सम्पति राष्ट्र को समर्पित कर साधारण किसान की भाँति जीवन जीने की ओर अग्रसित हुआ। त्याग और बलिदान की इस भावना के कारण गैरीबाल्डी के चरित्र को भारतीय स्वंतंत्रता संग्राम के दौरान खूब प्रचारित किया गया तथा लाजपत राय ने उसकी जीवनी लिखी।
➤ 1871ई० तक इटली का एकीकरण मेजिनी ,काउंट कावूर ,गैरीबाल्डी जैसे राष्ट्रवादी नेताओं एवं विक्टर इमैनुएल जैसे शासक के योगदान के कारण पूर्ण हुआ।