10TH PHYSICS NOTES

Reflection of light notes in hindi (प्रकाश का परावर्तन)

इस पोस्ट में हम Reflection of light notes in hindi प्रकाश का परावर्तन के बारे में जानेंगे। इस पोस्ट में उन सभी बातों को ध्यान में रख कर बनाया गया है जो CLASS 10TH में अध्यन्न करना है। 

Contents

प्रकाश क्या है ?

*प्रकाश :- प्रकाश वह भौतिक करक है जिसकी सहायता से हम किसी भी वस्तु को देखने की अनुभूति प्राप्त करते है ,तो उसे  प्रकाश कहते है| 

  •  प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा होती है |
  • प्रकाश सैदव सीधी रेखा या सरल रेखा में गमन करती  है | 
  •  सूर्य के प्रकाश से विटामिन -D प्राप्त होता है | 

*प्रदीप्त वस्तु :- वैसे वास्तु जो स्वयं प्रकाश उत्सर्जित करती है ,उसे प्रदीप्त वास्तु कहते है |                        

जैसे :-सूर्य ,तारे ,जलती हुई बल्ब
*अप्रदीप्त वस्तु :- वैसे वास्तु जो स्वयं प्रकाश उत्सर्जित नहीं  करती है ,उसे अप्रदीप्त वास्तु कहते है |                         

 जैसे:-चन्द्रमा
Note-प्रकाश स्वयं अद्रष्य  होती है लेकिन जिस वास्तु पर पड़ती है उसे द्र्श्य बना देती है |

Bihar Board Reflection of light notes in hindi

प्रकाश का प्रकींर्णन किसे कहते है ?

*प्रकाश का प्रकींर्णन (Scattering Of  Light ):-जब प्रकाश की किरण छोटी -छोटी कणो पर पड़ती है तो वह कण प्रकाश को कुछ मात्रा में अवशोषित कर लेती है और पुनः उसी प्रकाश को चारो तरफ फैला देती है तो वैसी घटना को प्रकाश को प्रकीर्णन कहते है | 

*किरण (Ray):- प्रकाश के गमन पथ को किरण कहते है |                  

या,एक सरल रेखा  पर चलने वाले  प्रकाश को किरण कहते है |

किरणपुंज किसे कहते है ?

 *किरणपुंज (Beam):-प्रकाश की किरणों के समूह को किरणपुंज कहते है |    

*किरणपुंज मुख्यतः तीन प्रकार के होते है 

1.अपसारी किरणपुंज (Diverging Beam)

2.समांतर किरणपुंज (Parallel  Beam)

3.अभिसारी किरणपुंज (Converging Beam ) 

1.अपसारी किरणपुंज (Diverging Beam):-वैसा किरणपुंज जिसमे सभी प्रकाश की किरणे एक निश्चित बिंदु से निकलती है,उसे अप्सरी किरणपुंज कहते है | 

जैसे:-

career- crafters (Diverging- Beam)
Diverging Beam

  2. समांतर किरणपुंज (Parallel  Beam):-वैसे किरणपुंज जिसमे सभी प्रकाश की किरणें एक – दूसरे के समान्तर होती है ,उसे समांतर किरणपुंज कहते है |जैसे:-

career- crafters (Parallel -Beam)
Parallel  Beam

 3. अभिसारी किरणपुंज (Converging Beam):-वैसा किरणपुंज जिसमे सभी प्रकाश की किरणे एक निश्चित बिंदु पर आकर मिलती है तो उसे अभिसारी किरणपुंज कहते है | जैसे:-

career-crafters ,Converging- Beam
Converging Beam

*पारदर्शी वस्तु (Transparent ):-वैसा वस्तु जिससे होकर प्रकाश आर – पार हो जाये तो उसे पारदर्शी वस्तु कहते है |                  

जैसे:-शुद्ध जल ,वायु ,काँच इत्यादि 

*पारभासी वस्तु (Translucent ):-वैसा वस्तु जिससे प्रकाश की किरण कुछ पार होती है और कुछ परावर्तित हो जाती है तो वस्तु को पारभासी वस्तु कहते है |             

जैसे:-थिन पेपर ,कोहरा ,तेल से भींगा हुआ कागज  इत्यादि 

Reflection of light notes in hindi pdf 

*अपारदर्शी वस्तु (Opaque):-वैसे वस्तु जिससे प्रकाश की किरण आर-पार न होती हो ,अर्थात  सभी प्रकाश की किरणे परावर्तित हो जाती है तो उसे अपारदर्शी वस्तु कहते है |                    

जैसे:-किताब ,टेबल ,लकड़ी इत्यादि        

प्रकाश का परावर्तन क्या है ?                                            

 :-किसी माध्यम से आ रही प्रकाश की किरण किसी वस्तु के सतह या दर्पण पर पड़ने के बाद अपने ही माध्यम में वापस लौट जाती है तो ,वैसे घटना को प्रकाश का परवर्तन कहते है | 

career- crafters ,Laws- of - reflection

 प्रकाश के परावर्तन में भाग लेने बाले प्रमुख पद

  • आपतित किरण :-किसी दिशा से आ रही प्रकाश की किरण को आपतित किरण कहते है | 
  • परावर्तित किरण :-आपतित किरण,आपतन बिंदु पर पड़ने के बाद जो अपने ही दिशा में लौटती है तो उस  लौटने बाली किरण को परावर्तित किरण कहते है | 
  • परावर्तक सतह :-वस्तु के जिस सतह से प्रकाश की परावर्तन की घटना घटती है,तो उसी सतह को परावर्तक सतह कहते है | 
  • आपतन बिंदु :-परावर्तक सतह के जिस बिंदु पर आपतित किरण आकर मिलती है  तो उस बिंदु को आपतन बिंदु कहते है | 
  • अभिलम्ब :-आपतित किरण तथा परावर्तित किरण के बिच डाले  गए लम्ब को अभिलम्ब कहते है | 
  • आपतन कोण :-आपतित किरण तथा अभिलम्ब के बिच बने कोण को आपतन कोण कहते है | 
  • परावर्तन कोण:-परावर्तित किरण तथा अभिलम्ब के बिच बने कोण को परावर्तन कोण कहते है |

प्रकाश के परावर्तन के मुख्यतः दो नियम है

(i)आपतित किरण,परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर डाला गया अभिलम्ब तीनो एक ही ताल में होता है|

(ii)आपतन कोण तथा परावर्तन  कोण आपस में बराबर(समान) होते है |                                                             

 < i = < r 

प्रतिबिंब (Image) किसे कहते है ?

:- किसी वस्तु से आ रही प्रकाश की किरणे दर्पण से परावर्तन होने के बाद परावर्तित किरण जिन विन्दु पर एक-दूसरे को काटती है या काटती हुई प्रतीत होती है,तो उस बिंदु स्रोत को वस्तु का प्रतिबिंब कहते है | 

प्रतिबिंब-Image-class10th-physics

वस्तु का प्रतिबिंब दो प्रकार का होता है | 

 (1)वास्तविक प्रतिबिंब(Real  Image) 

(2)काल्पनिक प्रतिबिंब(Virtual Image)

(1)वास्तविक प्रतिबिंब(Real  Image):-वैसा प्रतिबिंब जो वास्तविक कटान से बनती है तो उसे वास्तविक प्रतिबिंब कहते है |              

या,वैसा प्रतिबिंब जिसे परदे पर उतारा जा सके उसे वास्तविक प्रतिबिंब कहते है | 

(2)काल्पनिक प्रतिबिंब(Virtual Image):-वैसा प्रतिबिंब जो काल्पनिक कटान से बनती है उसे काल्पनिक प्रतिबिंब कहते है |                    या,वैसा प्रतिबिंब जिसे परदे पर उतारा नहीं जा सके उसे काल्पनिक प्रतिबिंब कहते है | 

Note:-(i)वास्तविक प्रतिबिंब सदैव वस्तु के सापेक्ष उल्टा तथा दर्पण के आगे बनता है |          

(ii)काल्पनिक प्रतिबिंब सदैव वस्तु के सापेक्ष सीधा तथा दर्पण के पीछे बनता है | 

दर्पण (Mirror) क्या होता है ?

:-वैसे चिकनी एवं चमकीली सतह जिससे प्रकाश का आसानी से परावर्तन हो तथा जिसकी एक सतह रंजित(रंगा हुआ)हो,उसे दर्पण कहते है | 

Spherical Mirror-class10th-physics
Spherical Mirror-class10th-physics

*दर्पण मुख्यतः तीन प्रकार के होते है | 

  1. समतल दर्पण (Plane Mirror)
  2. गोलीय दर्पण (Spherical Mirror)
  3. परवलिय दर्पण (Distorting Mirror)

 (1)समतल दर्पण (Plane Mirror):-वैसे दर्पण जिसका परावर्तक सतह समतल या बराबर हो,उसे समतल दर्पण कहते है |                  

जैसे :-

Plane Mirror
Plane Mirror

समतल दर्पण का गुण 

(i)समतल दर्पण में बना प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष सदैव सीधा बनता है | 

(ii)समतल दर्पण में बना प्रतिबिंब काल्पनिक होता है इसीलिए इसे परदे पर उतारा नहीं जा सकता है |

(iii)समतल दर्पण में,दर्पण से वस्तु जितना आगे होता है उस वस्तु का प्रतिबिंब दर्पण से उतना ही पीछे बनता है| 

(iv)समतल दर्पण में वस्तु की दुरी तथा प्रतिबिंब की दुरी दोनों आपस में बराबर होती है | 

(v)समतल दर्पण में बना प्रतिबिंब पाश्र्व रूप से उल्टा बनता है | 

(2)गोलिय दर्पण(Spherical Mirror) :-वैसे दर्पण जिसके परावर्तक सतह खोखले गोले के आकर का हो,उसे गोलिय दर्पण कहते है |  

Spherical-Mirror-career crafters-class10th physics
Spherical Mirror

गोलिय दर्पण के कुछ तथ्य          

(i)वक्रता केंद्र(Centre Of Curvature) :-गोलिय दर्पण जिस खोखले गोले का बना होता है,उस गोले के केंद्र को वक्रता केंद्र कहा जाता है |                            *इसे ‘C’ द्वारा सूचित किया जाता है |                

*अवतल दर्पण में वक्रता केंद्र परावर्तक सतह की ओर तथा उत्तल दर्पण में वक्रता केंद्र परावर्तक सतह के विपरीत ओर होती है | 

class 10th reflection of light pdf notes

(ii)वक्रता त्रिज्या(Radius Of Curvature):-गोलिय दर्पण जिस खोखले गोले का बना होता है,उस गोले की त्रिज्या को वक्रता त्रिज्या कहते है|                                          

*इसे ‘R’ से सूचित किया जाता है | 

(iii)ध्रुव(Pole) :-परावर्तक सतह के मध्य बिंदु को ध्रुव कहते है |              

*इसे ‘P’ द्वारा सूचित किया जाता है | 

(iv)मुख्य अक्ष /प्रधान अक्ष(Principal axis) :-वक्रता केंद्र तथा ध्रुव से होकर गुजरने वाली रेखा को मुख्य/प्रधान अक्ष कहते है | 
*मुख्य फोकस :-मुख्य अक्ष के समान्तर आ रही प्रकाश की किरणे दर्पण से परावर्तन होने के बाद जिस बिंदु पर काटती हुई प्रतीत होती है,तो उस विन्दु को मुख्य फोकस कहते है |                            

*इसे ‘F’ द्वारा सूचित किया जाता है | 

Focal-lenhth

*फोकस दुरी(Focal Length) :-मुख्य फोकस तथा ध्रुव तक की बीच की दुरी को फोकस दुरी कहते है |                       

*इसे “F” द्वारा सूचित किया जाता है

Reflection of light notes in hindi


गोलिय दर्पण का प्रकार 

गोलिय दर्पण मुख्यतः दो प्रकार के होते है |

(1)अवतल दर्पण (Concave Mirror)

(2)उत्तल दर्पण (Convex Mirror)
(1)अवतल दर्पण (Concave Mirror):-वैसे दर्पण जिसके परावर्तक सतह धसी हो तथा रंजीत सतह उभरी हो,उसे अवतल दर्पण कहते हैं |

Concave mirror-class10th-physics
Concave Mirror

(2)उत्तल दर्पण (Convex Mirror):-वैसे दर्पण जिसके परावर्तक सतह उभरी हो तथा रंजीत सतह धसी हो,उसे उत्तल  दर्पण कहते है |

उत्तल-दर्पण-Convex-Mirror
Convex Mirror

अवतल दर्पण से प्रकाश का परावर्तन

(i)जब प्रकाश की किरण मुख्य अक्ष  के समान्तर  आती है तो दर्पण से परावर्तन होने के बाद मुख्य फोकस से गुजरती है | 

Physics-class10th- career-crafters

(ii)जब प्रकाश की किरण मुख्य फोकस पर आपतित होती है तो दर्पण से परावर्तन होने के बाद परावर्तित किरण मुख्य अक्ष  के समान्तर गुजर जाती है | 

(iii)जब प्रकाश की किरण वक्रता केंद्र (C)  आपतित होती है तो दर्पण से परावर्तन होने के बाद परावर्तित किरण उसी पथ पर लौट जाती है | 

class10th-physics-light

(iv)जब प्रकाश की किरण ध्रुव पर आपतित होती है तो दर्पण से परावर्तन होने के बाद जितना कोण के साथ आती है उतना ही कोण पर परावर्तित हो  जाती है | 

class10th-physics-light

अवतल दर्पण में प्रतिबिंब का बनना 

(i)जब वस्तु ध्रुव (P) तथा मुख्य फोकस (F) के बिच में रखी जाती है |

        A  और B →वस्तु         A1  और B1 → प्रतिबिंब

class10th-physics-light-concave-mirror
  • जब वस्तु मुख्य फोकस तथा ध्रुव (P) के बिच राखी जाती है तो वस्तु का प्रतिबिंब दर्पण से पीछे बनता है |
  • वस्तु का प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष सीधा और दर्पण के पीछे बनता है | 
  • प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार से बड़ा बनता है | 
  • इसकी प्रकृती  काल्पनिक होती है | 

(ii)जब वस्तु को मुख्य फोकस पर राखी जाती है तो वस्तु का प्रतिबिंब अनंत पर बनता है | 

concave mirror-class10th-physics
  • जब वस्तु मुख्य फोकस (F)पर राखी जाती है तो वस्तु का प्रतिबिम्ब अनंत पर बनता है | 
  • वस्तु का प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष उल्टा बनता है तथा दर्पण के आगे बनता है | 
  • प्रतिबिम्ब का अकार वस्तु के अकार से बहुत बड़ा बनता है | 
  • इसकी प्रकृति वास्तविक होती है | 

(iii)जब वस्तु मुख्य फोकस (F) तथा वक्रता केंद्र (C) के  राखी जाती है | 

concave mirror-class10th-physics
  • जब वस्तु मुख्य फोकस ‘F’ तथा वक्रता केंद्र के बिच रखी जाती है तो वस्तु का प्रतिबिंब अनंत तथा वक्रता केंद्र के बिच बनता है | 
  • प्रतिबिंब का अकार वस्तु के अकार से बड़ा बनता है |
  • इसका प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष उल्टा बनता है |
  • इसकी प्रकृति वास्तविक बनती है | 

(iv)जब वस्तु वक्रता केंद्र (C) पर रखी जाती है | 

concave mirror-class10th-physics
  • जब वस्तु वक्रता केंद्र पर रखी जाती है तो वस्तु का प्रतिबिंब वक्रता केंद्र पर बनता है | 
  • प्रतिबिंब का अकार वस्तु  के सापेक्ष बराबर बनता है | 
  • इसका प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष उल्टा बनता है |
  • इसकी प्रकृति वास्तविक बनती है | 

(V)जब वस्तु अंनत तथा वक्रता केंद्र पर रखी जाती है | 

concave mirror-class10th-physics

10th प्रकाश का परावर्तन नोट्स 

  • जब वस्तु अंनत तथा वक्रता केंद्र पर रखी जाती है तो वस्तु का प्रतिबिंब वक्रता केंद्र तथा मुख्य फोकस के बिच बनता है | 
  • प्रतिबिंब का अकार वस्तु  के सापेक्ष छोटा तथा उल्टा बनता है | 
  • इसकी प्रकृति वास्तविक होती है | 

(vi)जब वस्तु अंनत पर रखा जाता है | 

concave mirror-class10th-physics
  • जब वस्तु अंनत पर रखा जाता है तो वस्तु का प्रतिबिंब मुख्य फोकस पर बनता है |
  • इसका प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष बहुत छोटा बनता है |
  • इसकी प्रकृति वास्तविक होती है |

उत्तल दर्पण में प्रकाश  का परावर्तन 

(i)जब प्रकाश की किरण मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित होती है तो दर्पण से परावर्तन होने के बाद परावर्तित किरण मुख्य फोकस से निकलती हुई प्रतीत होती है| 

Convex-Mirror class-10th

(ii)जब प्रकाश की किरण मुख्य फोकस पर आपतित होती है तो दर्पण से परावर्तन होने के बाद परावर्तित किरण मुख्य अक्ष के समान्तर लौट जाती है| 

Convex-Mirror-class-10th

(iii)जब प्रकाश की किरण वक्रता केंद्र पर आपतित होती है तो दर्पण से परावर्तन होने के बाद परावर्तित किरण अपने ही पथ पर पुनः लौट जाती है | 

Convex-Mirror-class-10th

Reflection of light 10th class,bihar board Reflection of light notes in hindi,ncert Reflection of light notes in hindi,prakash ka paravartan in hindi

(iv)जब प्रकाश की किरण ध्रुव(P) पर आपतित होती है तो दर्पण से परावर्तन होने के बाद परावर्तित किरण जितना कोण के साथ आती है उतना ही कोण के साथ लौट जाती है | 

Convex-Mirror-class-10th reflection-of-light

उत्तल दर्पण में प्रतिबिम्ब का बनना 

(i)जब वस्तु को ध्रुव तथा अंनत के बिच राखी जाती है :-

convex-image class-10th
  • जब वस्तु वक्रता केंद्र तथा अंनत के बिच राखी जाती है तो वास्तु का प्रतिबिंब ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बिच बनता है | 
  • प्रतिबिंब का अकार वस्तु के सापेक्ष सीधा तथा छोटा बनता है | 
  • इसकी प्राकृति काल्पनिक होती है | 

(ii)जब वस्तु को अनंत पर रखी जाती है:-

convex-image class-10th-physics
  • जब वस्तु को अनंत पर रखी जाती है तो वस्तु का प्रतिबिंब मुख्य फोकस पर बनता है|
  • प्रतिबिंब का अकार बहुत छोटा होता है |
  • इसकी प्राकृति काल्पनिक होती है| 

गोलिय दर्पण में वक्रता त्रिज्या तथा फोकस दुरी में सबंध (R=2F) 

           R =2F   या F =R/2

r=2f-proved

दिया है:- माना की MN एक अवतल दर्पण है,आपतित किरण AB जो मुख्य फोकस से होकर गुजरती है|                      

AB ∥ PC तथा PC = R,PF = F

सिद्ध करें:-  R =2F  या F =R/2

वनाबट:- C को B से मिलया जो BC अभिलम्ब है 

प्रमाण में:- AB ∥ PC           

∴ㄥABC = ㄥBCF (एकान्तर कोण से)             

ㄥBCF = ㄥi              

ΔCBF में,          ∵ㄥi  = ㄥr (परावर्तन के नियम से)       

 ⇒ㄥBCF =ㄥCBF                 

∴ BF = CF ————–(1)         

∵जब प्रकाश की किरण मुख्य अक्ष के अति निकटतम से आपतित होती ही तो ,                   

PF =CP————-(2)         

∵PC =PF + CF           

PC = PF +PF           

PC = 2PF           

R=2F  या F=R/2 Proved

चिन्ह परिपाटी

चिन्ह परिपाटी :-किसी गोलीय दर्पण  में वस्तु की प्रकृति बतलाने के लिए जिस पाटी का प्रयोग किया जाता है ,उसे चिन्ह परिपाटी कहते है |

Sign-convention-CLASS-10TH-LIGHT
  • गोलीय दर्पण के ध्रुव, मुल बिंदु के भांति कार्य करता है |
  • ध्रुव से दायें ओर की दुरी सदैव धनात्मक (+) होती है |
  • ध्रुव से वायें ओर की दुरी सदैव ऋणात्मक (-) होती है |
  •  ध्रुव से ऊपर की दुरी सदैव धनात्मक (+) होती है |
  •  ध्रुव से निचे की ओर  दुरी सदैव ऋणात्मक (-) होती है |

कक्षा 10 प्रकाश का परावर्तन नोट्स

अवतल दर्पण में चिन्ह परिपाटी का उपयोग 

(i)अवतल दर्पण की फोकस दुरी (F),वक्रता त्रिज्या (R) तथा वस्तु की दुरी सदैव ऋणात्मक(-) होती है |

(ii)अवतल दर्पण की प्रतिबिम्ब की दुरी धनात्मक(+) तथा ऋणात्मक(-) दोनों ही होती है |

(iii)अवतल दर्पण में वस्तु की ऊंचाई ‘h’ तथा प्रतिबिम्ब की ऊंचाई h’ होती है |


उत्तल दर्पण में चिन्ह परिपाटी का उपयोग 

1.उत्तल दर्पण की फोकस दुरी, वक्रता त्रिज्या तथा वस्तु की दुरी सदैव धनात्मक(+) होती है |

2.उत्तल दर्पण की प्रतिबिम्ब की दुरी धनात्मक(+) होती है |

3.उत्तल दर्पण में भी वस्तु की ऊंचाई ‘h’ तथा प्रतिबिम्ब की ऊंचाई h’ होती है |                                             

F:-फोकस दुरी                                              

R:-वक्रता त्रिज्या                                            

U:-वस्तु की दुरी                                            

V:-प्रतिबिंब की दुरी 


दर्पण सूत्र और आवर्धन(Mirror Formula and Magnification)

Q. गोलीय दर्पण में सिद्ध करे की दर्पण सुत्र 1/F=1/U+1/V,जँहा ‘F’फोकस दुरी ‘U’वस्तु की दुरी तथा ‘V’प्रतिबिंब की दुरी | 

spherical-mirror-formula-derivation
Mirror Formula and Magnification

*आवर्धन(Magnification) :-वस्तु की दुरी तथा प्रतिबिंब की दुरी के अनुपात को आवर्धन कहते है | 


Q.गोलीय दर्पण में सिद्ध करे आवर्धन :(m=-V/U)

magnification-formula M=-V/U
m=-V/U
  • उत्तल दर्पण में आवर्धन सदैव धनात्मक होती है | 
  • अवतल दर्पण में आवर्धन धनात्मक त्त तथा ऋणात्मक दोनों होती है|      
free pdf download

 

error: Content is protected !!