10th Sanskrit Qestion & Answer

Sanskrit Chapter 3 Question Answer

Bihar Board 10th Sanskrit Chapter 3 Question Answer

1.अलसकथा का वर्णय विषय क्या है ?

उत्तर: विद्यापति द्वारा रचित कथाग्रंथ ‘पुरुष परीक्षा’ नामक पुस्तक से लिया गया ‘अलसकथा’ मानव महत्व एवं दोषों के निराकरण की शिक्षा देता है। आलसियों को दान देने की इच्छा रखनेवाले बीरेश्वर ने यह जानने की उत्कंठा प्रकट की थी कि आलसी जीवन जीने की कला का कैसे निर्वहन करते हैं। इष्ट लाभ के लिए मेहनती भी आलसी का रूप लेकर पहुँचने लगते हैं। उनकी परीक्षा के लिए दानगृह में अग्नि प्रज्वलित की जाती है। आलसी भागने के क्रम में गीले कपड़े से ढकने, घर में आग लगी है, यहाँ कोई धार्मिक नहीं है आदि की चर्चा करते हैं। आलसी केवल करूणा के पात्र होते हैं। Class 10 Sanskrit Chapter 3 Question Answer

2.किनकी क्या-क्या गतियाँ हैं ? पठित पाठ के आधार पर स्पष्ट करें ।

उत्तर: गति को यहाँ विशेष रूप से विश्लेषित किया गया है । स्त्री, पुरुष एवं बच्चों की गतियाँ अलग-अलग हैं। स्त्रियों की गति पति हैं, बच्चों की गति माँ है तथा आलसियों की गति कारुणिकता (दयालुता) है। अर्थात् स्त्रियों की जीवनभंगिमा उसके पति पर निर्भर करती है। बच्चों की जीवनवृत्ति उसकी माँ ही होती है। आलसियों की जीवनवृत्ति दयालुओं पर ही निर्भर होती है।

3.अलसकथा पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।

उत्तर: यह पाठ विद्यापति द्वारा रचित पुरुषपरीक्षा नामक कथाग्रन्थ से संकलित एक उपदेशात्मक लघु कथा है। विद्यापति ने मैथिली, अवहट्ट तथा संस्कृत तीनों भाषाओं में ग्रन्थ-रचना की थी। पुरुषपरीक्षा में धर्म, अर्थ, काम इत्यादि विषयों से सम्बद्ध अनेक मनोरंजक कथाएँ दी गयी हैं। अलसकथा में आलस्य के निवारण की प्रेरणा दी गयी है। इस पाठ से संसार की विचित्र गतिविधि का भी परिचय मिलता है।

4.“अलसकथा’ से क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर:मैथिली कवि विद्यापति रचित “अलसकथा” में आलसियों के माध्यम से शिक्षा दी गयी है कि उनका भरण-पोषण करुणाशीलों के बिना संभव नहीं है। आलसी काम नहीं करते, ऐसी स्थिति में कोई दयावान् ही उनकी व्यवस्था कर सकता है। अतएव आत्मनिर्भर न होकर दूसरे पर वे निर्भर हो जाते हैं। bihar board 10th sanskrit most important question answer in hindi

5.“अलसकथा’ का क्या संदेश है ?

उत्तर:अलसकथा का संदेश है कि आलस्य एक महान् रोग है। आलसी का सहायक प्रायः कोई भी नहीं होता । जीवन में विकास के लिए व्यक्ति का कर्मठ होना अत्यावश्यक है। आलस्य शरीर में रहनेवाला महान् शत्रु है जिससे अपना, परिवार का और समाज का विनाश अवश्य ही होता है। यदि जीवन में विकास की इच्छा. रखते हैं तब आलस्य त्यागकर उद्यम को प्रेरित हों। Bihar Board 10th Sanskrit Question Answer

6.आलसी पुरुषों को आग से किसने निकाला ?

उत्तर: जब चार आलसी परुष आग लगने पर भी घर से नहीं भागे तब एक योगी पुरुष ने आकर उनके केशों को पकड़कर उन्हें ढकेलते हुए बाहर किया। इस प्रकार आलसी पुरुष आग से बचे। bseb 10th sanskrit all chapter question answer for board exam

7.चारों आलसी पुरुष आग से किस प्रकार बचना चाहते थे ?

उत्तर: चारों आलसी पुरुष आग लगने पर भी घर से नहीं भागे। शोरगुल सुनकर वे जान गए थे कि घर में आग लगी हुई है। वे चाहते थे कि कोई धार्मिक एवं दयालु व्यक्ति आकर आग पर जल, वस्त्र या कंबल डाल दे, जिससे आग बुझ जाए और वे लोग बच जाएँ।

8.‘अलसकथा’ पाठ के आधार पर लेखक के विचार स्पष्ट करें।

उत्तर: ‘अलसकथा’ पाठ में लेखक विद्यापति ने अपने विचार को स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि आलसी व्यक्ति बिना परिश्रम किए हुए जीवन व्यतीत करना चाहता है । कारूणिक व्यक्ति के बिना वह अपने को मौत से भी नहीं बचा पाता है । आलस्य शत्र के समान है।

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