10th Hindi Qestion & Answer

10th Ek Vriksh Ki Hatya Q&A

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1.कवि को वृक्ष बूढ़ा चौकीदार क्यों लगता था?

उत्तर : कवि एक वृक्ष के बहाने प्राचीन सभ्यता, संस्कृति एवं पर्यावरण की रक्षा की चर्चा की है। वृक्ष मनुष्यता, पर्यावरण एवं सभ्यता की प्रहरी है। यह प्राचीन काल से मानव के लिए वरदान स्वरूप है, इसका पोषक है, रक्षक है। । इन्हीं बातों का चिंतन करते हुए कवि को वृक्ष बूढा चौकीदार लगता था ।

2.वृक्ष और कवि में क्या संवाद होता था?

उत्तर :  कवि जब अपने घर कहीं बाहर से लौटता था तो सबसे पहले उसकी नजर घर के आगे स्थिर खड़ा एक पुराना वृक्ष पर पड़ती। उसे लगता मानो घर के आगे सुरक्षा प्रहरी खड़ा है। उसके निकट आने पर कवि को आभास होता मानो वृक्ष उससे पूछ रहा है कि तुम कौन हो?

                                              कवि इसका उत्तर देता-में तुम्हारा दोस्त हूँ। इसी संवाद के साथ वह उसके निकट बैठकर भविष्य में आने वाले पर्यावरण संबंधी खतरों की अंदेशा करता है। 10th Hindi Ek Vriksh Ki Hatya Notes

3.कविता का समापन करते हुए कवि अपने किन अंदेशों का जिक्र करता है और क्यों?

उत्तर : कविता का समापन करते हुए कवि पर्यावरण एवं सभ्यता के प्रति संवेदनशील होकर चिंतन करता है। चिंतन करने में उसे मानवता, पर्यावरण एवं सभ्यता, राष्ट्रीयता के दुश्मन की झलक मिलती है। इसी का जिक्र करते हुए कवि कहते हैं कि हमें घर को विनाश करने वालों से सावधान रहना होगा, शहर में विनाश होते हुए सभ्यता की रक्षा के लिए आगे आना होगा। अर्थात् कवि को अंदेशा है कि आज पर्यावरण, हमारी प्राचीन सभ्यता, मानवता तट के जानी दुश्मन समाज में तैयार हैं। अंदेशा इसलिए करता है क्योंकि आज लोगों की प्रवृत्ति वृक्षों को काटने की हो गई। सभ्यता के विपरीत कार्य करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, मानवता का हास हो रहा है। ऐसी स्थिति में वृक्षों के प्रति मानवता के प्रति संवेदनशील हो कम दिखाई पड़ रहे हैं। यह चिंता का विषय है। यही कवि की आशंका का विषय है।

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4.घर शहर और देश के बाद कवि किन चीजों को बचाने की बात करता है और क्यों?

उत्तर : घर, शहर और देश के बाद कवि नदियों, हवा, भोजन, जंगल एवं मनुष्य को बचाने की बात करता है क्योंकि नदियाँ, हवा, अन्न, फल, फूल जीवनदायक हैं। इनकी रक्षा नहीं होगी तो मनुष्य के स्वास्थ्य की रक्षा नहीं हो सकती है। जंगल पर्यावरण का सुरक्षा कवच है। जंगल की रक्षा नहीं होने से प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति उत्पन्न होगी। इन सबसे बढ़‌कर मनुष्य की रक्षा करनी होगी। मनुष्य में मनुष्यता कायम रहे, मानवता का गुण निहित हो, इसकी सभ्यता बनी रहे। इसे असभ्य होने से बचाने की महती आवश्यकता है। साथ ही जंगल की तरह मानवीयता का कत्ल नहीं हो इसके लिए रक्षार्थ आगे आने की महती आवश्यकता है।

5.कविता की प्रासंगिकता पर विचार करते हुए एक टिप्पणी लिखें।

उत्तर : प्रस्तुत कविता में कवि बदलते हुए परिवेश में दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु जिस तरह प्रकृति का दोहन हो रहा है उससे लगता है कि सारी दुनिया प्रकृति का स्वतः शिकार हो जायेगा। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई, बढ़ती हुई जनसंख्या, समुद्र का जलस्तर ऊपर उठना ये सब इसके सूचक हैं। वृक्ष हमारे मित्र हैं फिर भी इसको निष्ठुरता से काटते जा रहे हैं। अतिवृष्टि अनावृष्टि, मौसम का बदलता चक्र पर्यावरण संकट का संकेत कर रहे हैं।

आज मानव आँख होते हुए भी अंधा हो गया है। कवि इस समस्या से बहुत चिन्तित है। उसे लगता है कि दुनिया जल्द ही समाप्त हो जायेगी। वृक्ष को काटना अपने आप को मृत्यु के गोद में झोंकना है। ठंडी छाव देने वाले वृक्ष मनुष्य की निष्ठुरता के कारण काटे जा रहे हैं। अंत में कवि कहना चाहता है कि यदि समय रहते इस समस्या से निजात पाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो जीव जगत समाप्त हो जायेंगे। मुडो प्रकृति की की ओर का नारा मानव को समझना चाहिए।

6. दूर से ही ललकारता, कौन ? / में जवाब देता, दोस्त’। व्याख्या करें :

उत्तर : प्रस्तुत पंक्ति हिन्दी पाठ्य-पुस्तक के कुँवर नारायण रचित ‘एक वृक्ष की हत्या, पाठ से उद्धृत है। इसमें कवि ने एक वृक्ष को कटने से आहत होता है और इस पर चिंतन करते हुए पूरी पर्यावरण एवं मानवता पर खतरा की आशंका से आशंकित हो जाता है। इसमें अपनी संवेदना को कवि ने अभिव्यक्त किया है। प्रस्तुत व्याख्येय में कवि कहता है कि जब में अपने घर लौटा तो पाया कि मेरे घर के आगे प्रहरी के खड़ा वृक्ष को काट दिया गया है। उसकी याद करते हुए कवि कहते हैं कि वह घर के सामने अहर्निश खड़ा रहता था मानो वह गृहरक्षक हो। जब में बाहर से लौटता था उसे दूर से देखता था और मुझे प्रतीत होता था कि वृक्ष मुझसे पूछ रहा हैं कि तुम कौन हो? तब में बोल पड़ता था कि में तुम्हारा मित्र हूँ। इसमें वृक्ष और कवि के संवाद की प्रस्तुति है।

7.बचाना है-जंगल को मरूस्थल हो जाने से / बचाना है-मनुष्य को जंगल हो जाने से। व्याख्या करें :

उत्तर :  प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के एक वृक्ष की हत्या पाठ से उद्धृत है। इसमें कवि भविष्य में आने वाले प्राकृतिक संकट, मानवीयता पर खतरा एवं ह्रास होते सभ्यता की ओर ध्यानाकर्षण कराते हुए भावी आशंका को व्यक्त किये हैं। साथ ही इन सबकी रक्षा संरक्षण एवं विकास हेतु चिंतनशील होने पर बल दिया है।

                                                 प्रस्तुत व्याख्येय में कवि ने कहा है कि अगर हम इस अंधाधुंध विकास क्रम में विवेक से काम नहीं लेंगे तो वृक्ष कटते रहेंगे और भविष्य में जंगल मरुस्थल का रूप ले लेगा। साथ ही मानवता की सभ्यता की रक्षा के प्रति सचेत नहीं होंगे तो मानव भी जंगल का रूप ले सकता है। मानवीयता पशुता में परिवर्तित हो सकता है। मानव दानवी प्रवृत्ति अपनाता दिख रहा है और इस बढ़ते प्रवृत्ति को रोकना आवश्यक होगा। कवि मानवीयता स्थापित करने हेतु चिंतनशील है, सभ्यता की सुरक्षा हेतु प्रयत्नशील होने की प्रेरणा दे रहे हैं। साथ ही पर्यावरण संरक्षण हेतु सजग करने की शिक्षा दे रहे हैं। Bihar Board 10th Hindi Summary and Notes

8.कविता के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : वस्तुतः किसी भी कहानी, कविता आदि का शीर्षक वह धुरी होता है जिसके इर्दगिर्द कथावस्तु घूमती रहती है। प्रस्तुत कविता का शीर्षक एक वृक्ष की हत्या के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं को सीख देने के लिए रखा गया है। वृक्ष पुराना होने पर भी पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाता है। उसके फल, छाया अपने लिए नहीं औरों के लिए होता है। अपना दोस्त समझने वाला वृक्ष दूसरों के लिए सर्वस्व सुख समर्पण कर देता है। घर, शहर, राष्ट्र और दुनिया को बचाने से पहले वृक्ष को बचायें। बदलता हुआ मौसम चक्र विनाश का सूचक है। हमारा जीवन मरण, युवा-जरा आदि सभी प्रकृति के गोद में ही बीतता है फिर भी हम प्रकृति का दोहन करते जा रहे हैं। अतः उपयुक्त दृष्टान्तों से स्पष्ट होता है कि प्रस्तुत कहानी का शीर्षक सार्थक और समीचीन है।

 

9.इस कविता में एक रूपक की रचना हुई है। रूपक क्या है और ‘यहाँ उसका क्या स्वरूप है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : जहाँ रूप और गुण की अत्यधिक समानता के कारण उपमेय में उपमान का आरोप कर अभेद स्थापित किया जाता है वहाँ रूपक होता है। इसमें साधारण धर्म और वाचक शब्द नहीं होते हैं। इस कविता में वही बूढ़ा चौकीदार वृक्ष रूपक है। यहाँ चौकीदार वृक्ष है। उपमान का आरोप कर अभेद स्थापित किया गया है।

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