नौबतखाने में इबादत Question Answer
10th hindi नौबतखाने में इबादत Question Answer, Bihar Board 10th Hindi Question Answer,Bihar Board Class 10 Hindi Question Paper
1.डुमराँव की महत्ता किस कारण से है?
उत्तर : डुमराँव की महत्ता शहनाई के कारण है। प्रसिद्ध शहनाईवादक बिस्मिल्ला खाँ का जन्म डुमराँव में हुआ था। शहनाई बजाने के लिए जिस ‘रीड’ का प्रयोग होता है, जो एक विशेष प्रकार की घास ‘नरकट’ से बनाई जाती है, वह डुमराँव में सोन नदी के किनारे पाई जाती है।
2.सुषिर वाद्य किन्हें कहते हैं। ‘शहनाई’ शब्द की व्युत्पति किस प्रकार हुई है?
उत्तर : सुषिर वाद्य ऐसे वाद्य हैं, जिनमें नाड़ी (नरकट या रीड) होती है, जिन्हें फूंककर बजाया जाता है। ऐसे वाद्यों में शहनाई को शाह की उपाधि दी गई है, क्योंकि यह वाद्य मुरली, श्रृंगी जैसे अनेक वाद्यों से अधिक मोहक है। शहनाई की ध्वनि हमारे हृदय को स्पर्श करती है।
3.बिस्मिला खाँ सजदे में किस चीज के लिए गिड़गिड़ाते थे? इससे उनके व्यक्तित्व का कौन-सा पक्ष उद्घाटित होता है?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ जब इबादत में खुदा के सामने झुकते तो सजदे में गिड़गिड़ाकर खुदा से सच्चे सुर का वरदान माँगते। इससे पता चलता है कि खाँ साहब धार्मिक, संवेदनशील एवं निरभिमानी थे। संगीत-साधना हेतु समर्पित थे। अत्यन्त विनम्र थे। 10th Hindi Summary
Bihar Board 10th Hindi Question & Answer Download PDF
4.मुहर्रम पर्व से बिस्मिल्ला खाँ के जुड़ाव का परिचय पाठ के आधार पर दें।
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ सच्चे और धार्मिक मुसलमान हैं। मुहर्रम में उनका जो रीति-रिवाज था उसे वे मानते हैं और व्यवहार में लाते हैं। बड़े कलाकार का सहज मानवीय रूप एस अब आसानी से दिख जाता है। मुहर्रम का महीना वह होता है जिसमें शिया मुसलमान हजरत इमाम हुसैन एवं उनके कुछ वंशजों के प्रति अजादारी मनाते हैं। पूरे दस दिनों का शोक आठवीं तारीख उनके लिए खास महत्त्व की है। इस दिन खाँ साहब खड़े होकर शहनाई बजाते हैं व दालमंडी में फातमान के करीब आठ किलोमीटर की दूरी तक पैदल रोते हुए, नौहा बजाते जाते हैं। इस दिन कोई राग नहीं बजता। राग-रागनियों की अदायगी का निषेध है इस दिन । 10th Naubat khane me ibadat notes
5.’संगीतमय कचौड़ी’ का आप क्या अर्थ समझते हैं?
उत्तर : संगीतमय कचौड़ी इस तरह क्योंकि जुलसुम जब कलकलाते घी में कचौड़ी डालती थी, उस समय छन्न से उठने वाली खाली आवाज में इन्हें सारे आरोह-अवरोह दिख जाते थे। कहने का तात्पर्य यह है कि कचौड़ी खाते वक्त भी खाँ साहब का मान संगीत के राग में ही रमा रहता था। इसीलिए उन्हें कचौड़ी भी संगीत मय लग रहा था।
Bihar Board 10th Hindi Important Questions & Answers
6.बिस्मिला खाँ जब काशी से बाहर प्रदर्शन करते थे तो क्या करते थे? इससे हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर : -बिस्मिल्ला खाँ जब कभी काशी से बाहर होते तब भी काशी विश्वनाथ को नहीं भूलते। काशी से बाहर रहने पर वे उस दिशा में मुंह करके थोड़ी देर तक शहनाई अवश्य बजाते थे। वे विश्वनाथ मंदिर की दिशा में मुंह करके बैठते और विश्वनाथ के प्रति उनकी श्रद्धा एवं आस्था.. शहनाई के सुरों में अभिव्यक्त होती थी। एक मुसलमान होते हुए भी बिस्मिल्ला खाँ काशी… विश्वनाथ के प्रति अपार श्रद्धा रखते थे। इससे हमें धार्मिक दृष्टि से उदारता एवं समन्वयता की सीख मिलती है। हमें धर्म को लेकर किसी प्रकार का भेद-भाव नहीं रखना चाहिए।
7.’बिस्मिल्ला खाँ का मतलब-बिस्मिल्ला खां की शहनाई।’ एक कलाकार के रूप में बिस्मिल्ला खाँ का परिचय पाठ के आधार पर दें।
उत्तर :बिस्मिल्ला खाँ एक उत्कृष्ट कलाकार थे। शहनाई के माध्यम से उन्होंने संगीत-साधना को ही अपना जीवन मान लिये थे। शहनाईवादक के रूप में वे अद्वितीय पहचान बना लिये थे। बिस्मिल्ला खाँ का मतलब है-बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई। शहनाई का तात्पर्य बिस्मिल्ला खाँ का हाथा हाथ से आशय इतना भर कि बिस्मिल्ला खाँ की फूंक और शहनाई की जादुई आवाज का असर हमारे सिर चढ़कर बोलने लगता है। शेर खाँ साहब की शहनाई से सात सुर ताल के साथ निकल पड़ते थे। इनका संसार सुरीला था। इनके शहनाई में परवरदिगार, गंगा मइया, उस्ताद की नसीहत उतर पड़ती थी। खाँ साहब और शहनाई एक-दूसरे के पर्याय बनकर संसार के सामने उभरे।
Class 10 नौबतखाने में इबादत Question Answer Pdf Download
8.आशय स्पष्ट करें
(क) फटा सुर न बखगे। लुंगिया का क्या है, आज फटी है, तो कल सिल जाएगी।
व्याख्या : जब एक शिष्या ने डरते-डरते बिस्मिल्ला खाँ से पूछा कि बाबा, आप फटी तहमद क्यों पहनते हैं? आपको तो भारतरत्न मिल चुका है। अब आप ऐसा न करें। यह अच्छा नहीं लगता है जब भी कोई आपसे मिलने आता है तो आप इसी दशा में सहज, सरल भाव से मिलते हैं।
इस प्रश्न को सुनकर सहज भाव से खाँ साहब ने शिष्या को कहा-अरे पगली भारतरत्न तो शहनाईवादन पर मिला है न। इस लुंगी पर नहीं न मिला है। अगर तुमलोगों की तरह बनावट श्रृंगार में मैं लग जाता तो मेरी उमर ही बीत जाती और मैं यहाँ तक नहीं पहुँचता। तब मैं रियाज खाक करता। मैं तुम्हारी बात से सहमत हूँ अब आगे से फटी हुई तहमद नहीं पहनूँगा लेकिन इतना बता देता हूँ कि मालिक यही दुआ दे यानी भगवान यही कृपा रखें कि फटा हुआ सूर नहीं दें। सूर में लय दें और कोमलता दें। फटी लुगी तो मैं सिलवा लूंगा लेकिन फटा हुआ राग या सूर लेकर क्या करूँगा। अतः, ईश्वर रहम करे और सूर की कोमलता बचाये रखे।
Bihar Board Matric Hindi Book Solutions
(ख) काशी संस्कृति की पाठशाला है।
व्याख्या : काशी संस्कृति की पाठशाला है शास्त्रों में इसकी महत्ता का वर्णन है।
इसे आनंद कानन से जाना जाता है। काशी में कलाधर हनुमान व नृत्व विश्वनाथ हैं। काशी में बिस्मिल्ला खाँ हैं। काशी में हजारों साल का इतिहास है। यहाँ कई महाराज हैं। विद्याधारी हैं। बड़े रामदास जी हैं। मौजुद्दीन खाँ हैं। इन रसिकों से उत्कृष्ट होनेवाला अपार-जन समूह है। यह एक अलग काशी है जिसकी अलग तहजीब है, अपनी बोली और अपने विशिष्ट लोग हैं। इनके अपने उत्सव हैं। अपना गम है। अपना सेहरा-बन्ना और अपना नौहा है। यहाँ संगीत को भक्ति से, भक्ति को धर्म से किसी धर्म के कलाकार से, कजरी को चैती से विश्वनाथ को विशालक्षी से, बिस्मिल्ला खाँ को गंगा द्वार से अलग करके नहीं देखा जा सकता। इस प्रकार काशी सांस्कृतिक महानगरी है। इसकी अपनी महत्ता है।
Bihar Board 10th Hindi Question Answer
9.बिस्मिला खाँ के बचपन का वर्णन पाठ के आधार पर दें।
उत्तर : अमीरुद्दीन यानी उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ का जन्म डुमराँव, बिहार के एक संगीत-प्रेमी परिवार में हुआ था। पाँच-छः वर्ष की उम्र में ही वह अपने ननिहाल काशी चले गए। डुमराँव की इतमी ही महत्ता है कि शहनाई की रीड बनाने में काम आने वाली नरकट वहाँ सोन नदी के किनारे पाई जाती हैं। बिस्मिल्ला खाँ के परदादा उस्ताद सलार हुसैन खाँ डुमराँव निवासी थे। बिस्मिल्ला खाँ उस्ताद पैगंबर बख्श खाँ और मिट्ठन के छोटे साहबजादे हैं। चार साल की उम्र में ही नाना की शहनाई को सुनते और शहनाई को ढूंढते थे। उन्हें अपने मामा का सान्निध्य भी बचपन में शहनाईवादन की कौशल विकास में लाभान्वित किया। 14 साल की उम्र में वे बालाजी के मंदिर में रियाज करने के क्रम में संगीत साधनारत हुए और आगे चलकर महान कलाकार हुए।
Bihar Board 10th Hindi नौबतखाने में इबादत Question Answer, BSEB Class 10 Hindi Question Paper PDF Download,Bihar Board Matric Hindi Book Solutions